THE HON'BLE CHAIRMAN |

Justice V. Nath
Hon'ble Chairman
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बिहार राज्य के विभिन्न न्यायालयों में भूमि-विवाद से संबंधित वादों की बहुलता को देखते
हुए बिहार भूमि न्यायाधिकरण का सृजन, बिहार भूमि न्यायाधिकरण अधिनियम 2009 एवं बिहार
भूमि न्यायाधिकरण नियमावली 2010 के प्रावधानों के अंतर्गत किया गया है। इस न्यायाधिकरण
का सृजन इस उद्देश्य से किया गया है कि भूमि से संबंधित सभी विवादों का निर्णय त्वरित
रूप से, एक समेकित न्याय मंच के द्वारा किया जाये। भूमि न्यायाधिकरण, भूमि संबंधित
विवादों के लिए उच्चतम न्याय मंच है, एवं इसके समक्ष विभिन्न अधिनियमों से संबंधित
भूमि विवाद में, उचित पदाधिकारी द्वारा पारित अंतिम आदेश/निर्णय के विरूद्ध याचिका
लाई जा सकती है। बिहार भूमि न्यायाधिकरण अधिनियम की धारा 9 के अंतर्गत उन सभी अधिनियमों/हस्तकों
का उल्लेख है, जिनसे संबंधित अंतिम आदेशों/न्याय निर्णयों के विरूद्ध अधिकरण के समक्ष
आवेदन दायर किये जा सकते हैं।
हम सभी जानते है कि भूमि से संबंधित वादों का वर्षों तक एक न्यायालय से दूसरे न्यायमंच
के समक्ष लंबित रहना, एक बड़ा कारण है हमारी आर्थिक बदहाली और पिछड़ेपन का क्योंकि
अभी भी अधिसंख्य नागरिक अपने जीविकोपार्जन के लिए खेती पर निर्भर है। इन वादों का अंतिम
निराकरण नहीं होना एक बड़ा कारण है अनिश्चितता और निराशा का।
त्वरित न्याय और समेकित न्याय उद्देश्य है इस न्यायाधिकरण का और मैं आशान्वित हूँ कि
इस लक्ष्य की प्राप्ति हम कर पायेंगे।
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